Motivational story
दोस्तो अगर आप बार-बार फेल होते हो तो यह स्टोरी आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है
कहानी श्रीलंका के सक्सेसफुल क्रिकेटर की दोस्तों क्रिकेट दुनिया भर में पसंद किया जाता है क्रिकेट एक ऐसा गेम है जिसे हर कोई देखना पसंद करता है खेलना पसंद करता है चाहे वह किसी भी फील्ड में हो लेकिन उसे क्रिकेट का शौक होता है और बहुत सारे लोग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में खेलने के लिए बहुत मेहनत भी करते हैं लेकिन यह कहानी एक ऐसे इंसान की है जिसे क्रिकेट में आने के बाद अपना दूसरा रन बनाने के लिए 6 साल लग गए !
दोस्तो मार्वन अटापट्टू नेे फर्स्ट्स फर्स्ट क्लास मैचों में अच्छा प्रदर्शन करके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाई और उनका सिलेक्शन टेस्ट टीम में हो गया और 1990 में उन्होंने पहला अपना टेस्ट मैच खेला लेकिन मैच की पहली इनिंग्स में जीरो पर आउट हो गए उन्हें दूसरी इनिंग्स खेलने का भी मौका मिला और उसमें भी वह जीरो पर ही आउट हो गए और उन्हें टीम से निकाल दिया गया और टीम के सिलेक्टर्स ने उन्हेंं अगले मैच से ही टीम से बाहर कर दिया !
अटापट्टू ने फर्स्ट क्लास मैच में अपना खूब पसीना बहाया और बस प्रैक्टिस प्रैक्टिस एंड प्रैक्टिस करते गए फर्स्ट क्लास मैच में काफी रन बना दिए
21 महीने बाद उन्हें दोबारा टेस्ट टीम में जगह मिली और इस बार भी मैच की पहली इनिंग में वह फिर जीरो पर आउट हो गए और दूसरी इनिंग्स में वह मात्र 1 रन ही बना पाए और उन्हें टीम से फिर बाहर कर दिया गया अटापट्टू फर्स्ट क्लास मैच खेलते रहे रन बनाते गए फर्स्ट क्लास मैचों में काफी अच्छा प्रदर्शन करते गए दिन रात नेट प्रैक्टिस करते गए अपना खूब पसीना बहाते गए फर्स्ट क्लास मैचों में शानदार ताबड़तोड़ बल्लेबाजी सेंचुरी पर सेंचुरी बनाते गए और एक बार फिर उन्हें फर्स्ट क्लास मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के बल पर
17 महीने बाद उन्हें एक बार और मौका मिला लेकिन इस बार भी मैच की दोनों इनिंग्स में वह जीरो पर ही आउट हो गए
अटापट्टू का करियर खत्म ही समझा जा रहा था अंतरराष्ट्रीय लेवल पर इतनी बार फेल होने के बाद कोई सिलेक्टर्स उनकी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखेगा अब तो उनके जानने वाले भी यह कह रहे थे कि उनमें वह बात नहीं जो 1 स्टार प्लेयर में होनी चाहिए अटापट्टू जानते थे कि बुरा वक्त कुछ देर के लिए आता है और अच्छा वक्त एक दिन जरूर आता है अगर आप दिल से मेहनत कर रहे हो तो सफलता आपको जरूर मिलेगी कितनी बार फेल होने के बाद भी अटापट्टू ने हार नहीं मानी और फिर से नेट प्रैक्टिस में घुस गए और फिर प्रैक्टिस
प्रैक्टिस
प्रैक्टिस
एंड प्रैक्टिस
3 साल बाद उन्हें फिर मौका मिला और इस बार अटापट्टू नहीं चूके और फिर जो उन्होंने रन बनाए हैं तो उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा टेस्ट में 5000 से ज्यादा रन 6 डबल सेंचुरी 16 शतक बना डाले और वनडे में 8000 से ज्यादा रन बना डाले कुछ टाइम बाद श्रीलंका टीम के कप्तान भी बने और रिटायर होने के बाद श्रीलंका टीम के कोच भी बने
तो सोचो दोस्तों जिस इंसान को अपना दूसरा रन बनाने में 6 साल लग गए और फिर भी उसने हार नहीं मानी
अगर आप भी अपने लक्ष्य के प्रति इतने ही सहनशील और धैर्यवान है तो ऐसी सफलता आपके भी कदम चूमेगी
मार्वन अटापट्टू के संघर्ष और सफलता की कहानी! Biography of marvan atapattu
Marvan atapattu success story in hindi
कहानी श्रीलंका के सक्सेसफुल क्रिकेटर की दोस्तों क्रिकेट दुनिया भर में पसंद किया जाता है क्रिकेट एक ऐसा गेम है जिसे हर कोई देखना पसंद करता है खेलना पसंद करता है चाहे वह किसी भी फील्ड में हो लेकिन उसे क्रिकेट का शौक होता है और बहुत सारे लोग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में खेलने के लिए बहुत मेहनत भी करते हैं लेकिन यह कहानी एक ऐसे इंसान की है जिसे क्रिकेट में आने के बाद अपना दूसरा रन बनाने के लिए 6 साल लग गए !
दोस्तो मार्वन अटापट्टू नेे फर्स्ट्स फर्स्ट क्लास मैचों में अच्छा प्रदर्शन करके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाई और उनका सिलेक्शन टेस्ट टीम में हो गया और 1990 में उन्होंने पहला अपना टेस्ट मैच खेला लेकिन मैच की पहली इनिंग्स में जीरो पर आउट हो गए उन्हें दूसरी इनिंग्स खेलने का भी मौका मिला और उसमें भी वह जीरो पर ही आउट हो गए और उन्हें टीम से निकाल दिया गया और टीम के सिलेक्टर्स ने उन्हेंं अगले मैच से ही टीम से बाहर कर दिया !
अटापट्टू ने फर्स्ट क्लास मैच में अपना खूब पसीना बहाया और बस प्रैक्टिस प्रैक्टिस एंड प्रैक्टिस करते गए फर्स्ट क्लास मैच में काफी रन बना दिए
21 महीने बाद उन्हें दोबारा टेस्ट टीम में जगह मिली और इस बार भी मैच की पहली इनिंग में वह फिर जीरो पर आउट हो गए और दूसरी इनिंग्स में वह मात्र 1 रन ही बना पाए और उन्हें टीम से फिर बाहर कर दिया गया अटापट्टू फर्स्ट क्लास मैच खेलते रहे रन बनाते गए फर्स्ट क्लास मैचों में काफी अच्छा प्रदर्शन करते गए दिन रात नेट प्रैक्टिस करते गए अपना खूब पसीना बहाते गए फर्स्ट क्लास मैचों में शानदार ताबड़तोड़ बल्लेबाजी सेंचुरी पर सेंचुरी बनाते गए और एक बार फिर उन्हें फर्स्ट क्लास मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के बल पर
17 महीने बाद उन्हें एक बार और मौका मिला लेकिन इस बार भी मैच की दोनों इनिंग्स में वह जीरो पर ही आउट हो गए
अटापट्टू का करियर खत्म ही समझा जा रहा था अंतरराष्ट्रीय लेवल पर इतनी बार फेल होने के बाद कोई सिलेक्टर्स उनकी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखेगा अब तो उनके जानने वाले भी यह कह रहे थे कि उनमें वह बात नहीं जो 1 स्टार प्लेयर में होनी चाहिए अटापट्टू जानते थे कि बुरा वक्त कुछ देर के लिए आता है और अच्छा वक्त एक दिन जरूर आता है अगर आप दिल से मेहनत कर रहे हो तो सफलता आपको जरूर मिलेगी कितनी बार फेल होने के बाद भी अटापट्टू ने हार नहीं मानी और फिर से नेट प्रैक्टिस में घुस गए और फिर प्रैक्टिस
प्रैक्टिस
प्रैक्टिस
एंड प्रैक्टिस
3 साल बाद उन्हें फिर मौका मिला और इस बार अटापट्टू नहीं चूके और फिर जो उन्होंने रन बनाए हैं तो उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा टेस्ट में 5000 से ज्यादा रन 6 डबल सेंचुरी 16 शतक बना डाले और वनडे में 8000 से ज्यादा रन बना डाले कुछ टाइम बाद श्रीलंका टीम के कप्तान भी बने और रिटायर होने के बाद श्रीलंका टीम के कोच भी बने
तो सोचो दोस्तों जिस इंसान को अपना दूसरा रन बनाने में 6 साल लग गए और फिर भी उसने हार नहीं मानी
अगर आप भी अपने लक्ष्य के प्रति इतने ही सहनशील और धैर्यवान है तो ऐसी सफलता आपके भी कदम चूमेगी
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