Harbhajan Singh Biography in hindi | हरभजन का जीवन परिचय - MY THINKING

Harbhajan Singh Biography in hindi | हरभजन का जीवन परिचय

Harbhajan Singh- हरभजन सिंह भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है, यह विशेष रूप से स्पिन गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते  है, यह राइट हैंड ऑफ स्पिन गेंदबाज और राइट हैंड के बल्लेबाज है, भारतीय फिरकी किंग हरभजन सिंह की जिंदगी में कदम कदम पर मुसीबतों ने दस्तक दी है लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर वह भारत के सफलतम क्रिकेटर बने !  ऑल राउंडर बनने की चाह रखने वाले हरभजन सिंह एक ऑफ स्पिनर के रूप में मुथैया मुरलीधरन के बाद  टेस्ट मैचों में 417 विकेट से लेकर दुनिया में दूसरे  सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज है साथ ही वह टेस्ट मैचों में दो शतक भी लगा चुके हैं !
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Harbhajan singh biography in hindi | हरभजन सिंह का जीवन परिचय

हरभजन सिंह का जन्म 3 जुलाई 1980 को जालंधर पंजाब के एक सिख परिवार में हुआ | इनके पिता का नाम सरदार सरदेव सिंह प्लाहा जो कि एक बिजनेसमैन थे और दो कंपनियों को रन किया करते थे | इनकी माता का नाम अवतार कौर है जो ग्रहणी है | परिवार में हरभजन के अलावा चार बहने और हैं जिसमें 3 हरभजन से बड़ी बहने है और एक छोटी बहन है | हरभजन का बचपन का नाम सोनू है उनकी माता उनका बचपन याद करते हुए कहती हैं सोनू बचपन सेे ही खेलों के प्रति काफी रुचि रखता था वह जूडो, कराटे, कबड्डी, भंगरा और क्रिकेट आदि को बड़े मन सेेे खेला करता था | आगे उनकी मां बताती हैं की एक दिन उन्होंने अपने पिता से कहा  कि मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं | तब पिताजी ने कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है | तब उनके कजन करतार जो एक बैडमिंटन कोच थे हरभजन को एक क्रिकेट कोच के पास ले गए | वह कोच थे चरणजीत सिंह भुल्लर जिन्हें यह लगा कि हरभजन बैटिंग सीखना चाहते हैं | इसलिए वह उन्हें बैटिंग सिखाने लगे | कुछ सालों के बाद चरणजीत सिंह भुल्लर का निधन हो गया | इस दौरान हरभजन भी क्रिकेट से कनी काटने लगे | पिता समझ गए उन्होंने हरभजन से कहा सोनू मैं तुम्हें भारतीय क्रिकेट टीम में खेलता हुआ देखना चाहता हूं | उन्होंने अपने पिता की बात मानी और अपने कजन के साथ नए कोच अरविंदर अरोड़ा के पास क्रिकेट सीखने आ गए | पहले दिन से ही हरभजन अपनी बोलिंग से कोच को प्रभावित करने लगे | उनके नए कोच अरोड़ा कहते हैं कि हरभजन ने पहले दिन से ही बोलिंग में अच्छी परफॉर्मेंस दी है | ट्रेनिंग सेशन में उनके लिए 3 घंटा एक सीध में और एक घंटा सिंगल विकेट पर  बॉलिंग करने के लिए निर्धारित होता था | कोच अरोड़ा उनके कठिन दिनचर्या की बात करते हो कहते हैं कि वह रोज 11:00 बजे प्ले ग्राउंड में आ जाता था बाद में साथी बच्चे आते थे | फिर वह प्रैक्टिस कर लंच में लौट जाता था | लंच के बाद दोबारा 3:00 बजे आता था प्रेक्टिस करने लगता था यह प्रैक्टिस सेशन देर शाम तक चलता था | अपने पिता के सपने के साथ जीने वाले हरभजन अपने इरादों के बचपन से ही पक्के थे | जिस कारण वह बीमार होने पर भी प्रैक्टिस सेशन नहीं छोड़ते थे | जबकि उन्हें अपने घर से साइकिल द्वारा तीन बार दौलतपुर स्थित प्रैक्टिस ग्राउंड में जाना होता था | वैसे तो वह दिन की जंग जीतते ही थे पर अंधेरे में भी जीतने का दमखम रखते थे | जब कभी रात में लाइट चली जाती थी तो पार्क में खड़े स्कूटर की हेडलाइट जलाकर वह अपनी गेंदबाजी की प्रैक्टिस किया करते थे | हरभजन सिंह को 15 साल की उम्र में हरियाणा के विरुद्ध अंडर-16 में डेब्यू करने का मौका मिला | जहां उन्होंने शानदार बॉलिंग करते हुए 46 रन देकर 7 विकेट और 138 रन देकर 5 विकेट चटकाए  | शानदार डेब्यु का असर दूसरे मैच में भी दिखाई दिया जहां उन्होंने दिल्ली के विरुद्ध खेलते हुए 56 रन बनाए और जबरदस्त गेंदबाजी का नमूना भी पेश किया | इसी तरह उन्होंने तीसरे मैच में हिमाचल प्रदेश के विरुद्ध खेलते हुए 11 विकेट लिए और पंजाब को इनिंग्स जीत दिलाई | इस अवॉर्ड विनिंग परफॉर्मेंस के कारण उन्हें जल्दी ही नॉर्थ जोन अंडर-16 के लिए चुन लिया गया | जहां उन्होंने उस वनडे मैच सीरीज में ओसत प्रदर्शन करते हुए 2 विकेट हासिल की और 18 रन बनाए |

Harbhajan singh under-19 debut | हरभजन सिंह का अंडर-19 में डेब्यू

भज्जी को कुछ महीनों के पास इंडिया अंडर-19 की ओर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक वनडे मैच खेलने का मौका मिला | इस मैच में वह 7 ओवर में 19 रन देकर 1 विकेट हासिल करने में कामयाब रहे साथ ही इंडिया भी जीतने में सफल रहा | हरभजन के लगातार बढ़िया बॉलिंग परफॉर्मेंस का प्रभाव था जिसके कारण वह डेब्यू के कुछ समय बाद ही वह कई टीमों के लिए खेल चुके थे | इसी क्रम में 1996-97 पंजाब अंडर-19 की ओर से जम्मू कश्मीर के विरुद्ध खेलने का मौका मिला इस मैच की एक इनिंग्स में उन्होंने 54 रन बनाकर 8 विकेट हासिल किए तथा पंजाब को एक बार और धमाकेदार जीत दिलाई | 
जल्द ही उन्हें इसका बड़ा इनाम मिला और उन्हें फर्स्ट क्लास मैचों में डेब्यू करने का मौका मिला | उस मैच में उन्होंने 3/35 की बोलिंग फिगर से अच्छी गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया | पर उन्हें अगले ही सप्ताह पंजाब अंडर-19 में वापस बुला लिया गया | इस कैटेगरी में उन्होंने दो मैच खेलते हुए 5/75 और 7/44 जैसे बेहतरीन बॉलिंग फिगर से गेंदबाजी कर दोबारा सीनियर टीम में जगह बनाई | और पूरे साल बेहतरीन बॉलिंग प्रदर्शन किया |  जिसकी बदौलत उन्हें  25 मार्च 1998 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू करने का मौका मिला | इस मैच में उन्होंने 2 विकेट लिए | इसके 1 महीने बाद 17 अप्रैल 1998 को न्यूजीलैंड के खिलाफ  एकदिवसीय मैचों में  डेब्यू किया इस मैच में वह एक विकेट ही ले सके लेकिन 3.20 की औसत से आप को प्रभावित करने में सफल रहे |

Harbhajan singh struggle | हरभजन सिंह का संघर्ष

हरभजन सिंह की लाइफ में एक समय एक ऐसा भी आया जब उनका बॉलिंग प्रदर्शन पूरी तरह से फेल हो चुका था | वह साल था 1999-2000 का जब उन्हें कई सीरीज में विकेटों के भीषण सूखे का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से उन्हें टीम से भी निकाल दिया गया था पर सन 2000 के मध्य में वह अपने बॉलिंग प्रदर्शन में सुधार करने में कामयाब रहे | उसी साल उन्होंने बोर्ड प्रेसिडेंट-11 की ओर से खेलते हुए साउथ अफ्रीका के खिलाफ दोनों पारियों में 2/88 और 2/59 की बॉलिंग फिगर से अच्छी गेंदबाजी का प्रदर्शन किया और 38 और 39 रन भी बनाएं | किस कारण उनकी टीम साउथ अफ्रीका को हराने में कामयाब रही लेकिन हरभजन को राष्ट्रीय टीम में स्थान ना मिल सका उनकी जगह मुरली कार्तिक को मौका दिया गया | फिर वह भारत लौट आए और घरेलू टीम केेे लिए खेलने लगे | कुछ समय बाद वह अपनी पुरानी लय में वापस आने लगे और पंजाब की तरफ से खेलते हुए चार फर्स्ट क्लास मैच में 24 विकेट हासिल किए | इसी बीच उन्हेंं नेशनल क्रिकेट एकेडमी में 1970 में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे ऑफ स्पिनर श्रीनिवास वेंकटराघवन और इरापल्ली प्रसन्ना से बोलिंग गुण सीखने का मौका मिला पर अनुशासनहीनता के कारण उन्हें  अकैडमी से निकाल दिया गया | इस कारण हरभजन की टीम इंडिया में चयन की बची कूची जो भी संभावना थी वह भी खत्म हो गई | इसी साल उन पर एक मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा जब उनके पिता का निधन हो गया और 4 कुंवारी बहनों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई | परिवार में अकेले बैठे हरभजन सिंह पैसा कमाने के लिए अमेरिका में ट्रक चलाने की सोचने लगे | ऐसे में वर्तमान कप्तान सौरभ गांगुली सामने आए वह उनके टीम में  सिलेक्शन के लिए लगातार लड़ते रहे और इन कठिन परिस्थितियों में भी हरभजन ने अपनी गेंदबाजी से फोकस नहीं हटाया और डोमेस्टिक क्रिकेट में अपने अपनी पुरानी लय पूरी तरह वापस पाने में सफल रहे |
उनके अगले 4 फर्स्ट क्लास मैचों की गेंदबाजी फिगर कुछ इस तरह रही हिमाचल प्रदेश के विरुद्ध 3/29 और 3/39 जम्मू कश्मीर के खिलाफ 2/53 और 5/88 हरियाणा के खिलाफ 4/77 और 2/23  और सर्विसेस के खिलाफ 5/40 इन सभी मैचों में पंजाब हरभजन सिंह के बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन के कारण पारी से जीता |  इतने बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन के कारण भी उनका टीम इंडिया में सलेक्शन को लेकर संशय बना रहा और गांगुली भी उनके सलेक्शन को लेकर प्रयास करते रहे ! 

Harbhajan singh return to Indian team and Hat-trick | हरभजन सिंह की वापसी और हैट्रिक

और आखिरकार गांगुली और हरभजन दोनों की मेहनत को समय ने स्वीकारा | 2001 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से ठीक पहले अनिल कुंबले को इंजरी हुई जिसका फायदा हरभजन सिंह को हुआ | उन्हें टीम मेंं चुन लिया गया उन्होंने पहले ही टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3/8 और 4/141 के बेहतरीन गेंदबाज़ी फिगर से गेंदबाज़ी करते हुए अपने आक्रामक इरादोंं को जताया |  पर यह मैच भारत हार गया | इसी बीच भारत के लीडिंग फास्ट बॉलर जवागल श्रीनाथ को अंगुली की इंजरी के कारण पूरी सीरीज से हटना पड़ा | अब हरभजन सिंह पर भारतीय बोलिंग संभालने की बड़ी जिम्मेदारी आ गई थी और इस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया | ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में करियर बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए पहली पारी में 7 विकेट हासिल किए और इस मैच में उन्होंनेे हैट्रिक हासिल की और हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय होने का गौरव पाया दूसरी पारी में भी उन्होंने 6 विकेट लेकर अपनी पकड़़ मजबूत बनाए रखी ! 
इसी तरह तीसरे मैच में भी उन्होंने पहली पारी में 133 रन देकर 7 विकेट और दूसरी पारी में 84 रन देकर 8 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की कमर तोड़ दी और भारत को इनिंग्स विन और सीरीज विन दिलाने में सफल रहे !  इस सीरीज में हरभजन सिंह मैन ऑफ द मैच और  मैन ऑफ द सीरीज घोषित किए गए | इस सीरीज ने उनकी जिंदगी को बदल दिया | भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा उनके लिए इनामों की छड़ी लग गई | बेकार हुए उनके परिवार के जिंदगी फिर से खुशहाल हो गई और उन अपनी बड़ी बहन की शादी कर दी तथा पिता और भाई दोनों का फर्ज निभाया ! इस तरह उन्होंने टीम में जगह पक्की की लेकिन उनके जीवन में उतार चढ़ाव लगे रहे ! 

Harbhajan singh world cup performance | हरभजन सिंह का वर्ल्ड कप में प्रदर्शन 

हरभजन सिंह वर्ल्ड कप 2007 वर्ल्ड कप 2011 दोनों का हिस्सा रह चुके हैं वर्ल्ड कप 2007 उनके लिए एक बुरे सपने की तरह था जब उन्हें विकटो के सूखे का सामना करना पड़ रहा था ! पर वर्ल्ड कप 2011 उनके लिए बेहतरीन रहा | यहां वह अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल रहे और साथ ही टीम इंडिया भी वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही ! 

Harbhajan singh marriage | हरभजन सिंह की शादी

स्वभाव से आक्रामक हरभजन सिंह अपने इमोशंस पर काबू नहीं रख पाते हैं लेकिन वह एक बेहतरीन क्रिकेटर होने के साथ एक अच्छे बेटे और एक अच्छे भाई भी हैं | तभी तो जब परिवार पर आर्थिक संकट आया तो वह क्रिकेट छोड़ अमेरिका में ट्रक चलाने की सोचने लगे !  फिलहाल मस्ती मूड में रहने वाले हरभजन 2007 में दिल दिया है फिल्म से डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस गीता बसरा से एक इवेंट्स में मिले थे और वही दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे थे ! 
काफी डेट्स और इंतजार के बाद दोनों 29 अक्टूबर 2015 को शादी के बंधन में बंध गए | जिनकी शादी पर विराट कोहली, शिखर धवन, रविंद्र जडेजा, युवराज सिंह और सुरेश रैना ने खूब धमाल मचाया | रंगीन मिजाज वाले हरभजन फिल्मों में भी हाथ आजमा चुके हैं- उनकी फिल्में मुझसेे शादी करोगी,  भाजी इन प्रॉब्लम्स और सेकेंड हैंड हसबैंड !

Harbhajan singh vs Australia and Ricky Ponting | हरभजन सिंह ऑस्ट्रेलिया और रिकी पोंटिंग के खिलाफ

अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में हरभजन सिंह ऑस्ट्रेलिया और रिकी पोंटिंग के खिलाफ सबसे सफल रहे | उन्होंने अपने टेस्ट करियर में रिकी पोंटिंग को 10 बार आउट किया है जो कि एक रिकॉर्ड है उन्होंने अपना 50 वा, 250 वा और 300 वा विकेट रिकी पोंटिंग से ही पूरा किया है | इसलिए उनके खौफ से ऑस्ट्रेलिया ने उनका नाम टर्मिनेटर रख दिया और इंडिया में उन्हें भज्जी कहकर पुकारते हैं !

Harbhajan singh one day career | हरभजन सिंह का एकदिवसीय करियर

हरभजन सिंह ने अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर में 236 मैचों की 227 पारियों में 269 विकेट लिए है | वह 3 बार 5 विकेट ले चुके हैं | उनका सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग प्रदर्शन 5/31 है जो उन्होंने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ दिल्ली में लिए थे | बल्लेबाजी प्रदर्शन 236 मैचों की 128 पारियों में 1237 रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 49 रन है जो उन्होंने 2009 बड़ोदरा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए थे हरभजन अपने एकदिवसीय करियर में 35 बार नॉटआउट रहे हैं | अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय करियर में हरभजन ने 92 चौके और 35 छक्के लगाए हैं ! 

Harbhajan singh Test career | हरभजन सिंह का टेस्ट करियर 

हरभजन सिंह ने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर में 103 मैचों की 190 पारियों में 417 विकेट लिए हैं | वह 25 बार एक पारी में 5 विकेट से ज्यादा दे चुके हैं तथा एक टेस्ट मैच में 5 बार 10 विकेट से ज्यादा ले चुके हैं | उनका सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग प्रदर्शन 8/84 है जो उन्होंने 2001 में चेन्नई में आस्ट्रेलिया खिलाफ लिए थे | बल्लेबाजी प्रदर्शन हरभजन ने 103 मैच के 145 पारियों में 2225 रन बनाए हैं जिसमें उनके 9 अर्धशतक और 2 शतक शामिल है उनका सर्वाधिक टेस्ट स्कोर 115 रन है जो उन्होंने  2010 में  अहमदाबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाए थे | वह अपने टेस्ट करियर में 23 बार नॉटआउट रहे हैं | अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट करियर में हरभजन सिंह ने 277 चौके और 42 छक्के लगाए हैं ! 

Harbhajan singh T20 career | हरभजन सिंह का T20 करियर

हरभजन सिंह ने अपने अंतरराष्ट्रीय T20 करियर में 28 मैचों की 27 पारियों में 25 विकेट लिए हैं  उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 4/12 है जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लिए थे ! बल्लेबाजी प्रदर्शन 28 मैचों की 13 पारियों में 108 रन बनाए हैं जिसमें इन का सर्वाधिक स्कोर 21 रन है ! तथा यह अपने अंतरराष्ट्रीय T20 करियर में 5 बार नॉट आउट रहे हैं इन्होंने 11 चौके और 4 छक्के लगाए हैं अपने T20 करियर में ! 

Harbhajan singh IPL career | हरभजन सिंह का आईपीएल करियर

हरभजन सिंह ने 2008 में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए आईपीएल में डेब्यू किया | जहां वह अपने बेहतरीन प्रदर्शन के कारण और श्रीसंत से थप्पड़ कांड में काफी सुर्खियों में रहे | अपने आईपीएल करियर में 149 मैचों की 146 पारियों मेंं 134 विकेट लिए है उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 5/18 है | बल्लेबाजी प्रदर्शन 149 मैचों की 87 पारियों में 828 रन बनाए है इनका सर्वाधिक स्कोर 64 रन है हरभजन अपने आईपीएल करियर में 35 बार नॉटआउट रहेे हैं ! आईपीएल करियर में हरभजन सिंह ने 79 चौके और 42 छक्के लगाए है !


Note: - Harbhajan Singh Biography  in hindi कैसी लगी आप सबको प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं और हमारे द्वारा लिखे गए  आर्टिकल में आपको कोई भी कमी नजर आती है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम उसमें सुधार करके अपडेट कर देंगे | अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आए तो इसे Facebook,  WhatsApp और अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें !

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