Biography
Mary kom biography in hindi | मैरी कॉम का जीवन परिचय
Mary kom- मैरी कॉम एक महान भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने अपनी महान उपलब्धियों से भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया | मैरी कॉम एक अकेली भारतीय महिला बॉक्सर है | मैरी कॉम ने सन 2012 में ओलंपिक में क्वालीफाई किया था हर ब्रोंज मेडल हासिल किया था पहली बार कोई भारतीय महिला बॉक्सर यहां तक पहुंची थी इसके अलावा वह 6 बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत चुकी है |
मैरी कॉम को बचपन से ही एथलीट बनने का शौक रहा है | बचपन के दिनों में वह फुटबॉल जैसे खेलों में हिस्सा लिया करती थी | लेकिन सोचने की बात यह है कि उन्होंने बॉक्सिंग में कभी भी हिस्सा नहीं लिया था | सन 1998 में बॉक्सर डिंगो सिंह ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था वह मणिपुर के थे | उनकी इस जीत से उनकी मातृभूमि झूम उठी थी | यहां मैरीकॉम ने डिंगो को बॉक्सिंग करते हुए देखा और बॉक्सिंग को अपना करियर बनाने की ठान ली | इसके लिए मैरीकॉम के सामने सबसे पहली बड़ी चुनौती थी अपने घर वालों को इसके लिए राजी करना | छोटी सी जगह के साधारण से यह लोग बॉक्सिंग को पुरुषों का खेल समझते थे | और उन्हें लगता था कि इस तरह के खेल में बहुत ताकत और मेहनत लगती है जो इस कम उम्र की लड़की के लिए ठीक नहीं है | मैरी कॉम अपने मन में ठान चुकी थी कि वह इस लक्ष्य तक जरूर पहुंचेंगी चाहे उन्हें इसके लिए कुछ भी करना पड़े | मैरी कॉम ने अपने मां बाप को बिना बताए बॉक्सिंग के लिए ट्रेनिंग शुरू कर दी | एक बार इन्होंने "खुमान लंपक स्पोर्ट्स कंपलेक्स" मे लड़कियों को लड़कों से बॉक्सिंग करते देखा जिसे देख कर वह चकित रह गई | यहां से उनके मन में अपने सपने को लेकर विचार और भी परिपक्व हो गए | वे अपने गांव से इम्फाल गई और मणिपुर राज्य के बॉक्सिंग कोच एम नरजीत सिंह से मिली और उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए निवेदन किया | वह बॉक्सिंग के लिए बहुत ज्यादा भावुक थी साथ ही वह बहुत ही जल्दी सीखने वाली विद्यार्थी थी | ट्रेनिंग में जब सब चले जाते थे तब भी मैरीकॉम देर रात तक प्रैक्टिस करती रहती थी यह उनकी मेहनत और लगन को दर्शाता है कि वह कितनी ज्यादा इस खेल के प्रति संजीदा थी |
सन 2001 में मैरीकॉम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना करियर की शुरुआत करी | इस समय उनकी उम्र 18 साल मात्र थी | सबसे पहले इन्होंने अमेरिका में आयोजित AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 48 kg weight कैटेगरी में हिस्सा लिया और सिल्वर मेडल हासिल किया |
सन 2002 में तुर्की में आयोजित AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 45 kg weight कैटेगरी में हिस्सा लिया और विजय प्राप्त की और हीरो ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया | इस साल मैरीकॉम ने हंगरी में आयोजित "व्हिच कप" 45 kg weight कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया |
सन 2003 में भारत में आयोजित एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 46 kg weight कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता इसके बाद नॉर्वे में आयोजित वूमेन बॉक्सिंग "वर्ल्ड कप" में एक बार फिर गोल्ड मेडल जीता |
सन 2005 में ताइवान में आयोजित एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 46 kg weight कैटेगरी में मैरी कॉम को फिर से गोल्ड मेडल मिला | इसी साल मैरीकॉम ने रशिया में AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती |
सन 2006 में डेनमार्क में आयोजित विनस वूमेन बॉक्स कप और भारत में आयोजित AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत हासिल कर गोल्ड मेडल जीता |
सन 2008 एक साल का ब्रेक लेकर मैरी कॉम 2008 में फिर वापस आई और भारत में आयोजित वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता इसके साथ ही AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियन चाइना में गोल्ड मेडल जीता
सन 2009 में वियतनाम में आयोजित एशियन इंदौर गेम्स में गोल्ड मेडल जीता |
सन 2010 में कजाखस्तान में आयोजित एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता इसके साथ ही वे पांचवीं बार लगातार AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता | इसी साल मैरी कॉम ने एशियन गेम्स में 51 kg weight कैटेगरी में हिस्सा लेकर ब्रोंज मेडल जीता | सन 2010 में भारत में कॉमनवेल्थ गेम का आयोजन हुआ था यहां ओपनिंग सेरिमनी में विजेंद्र सिंह के साथ मैरीकॉम भी उपस्थित थी इस गेम्स में वूमेन बॉक्सिंग गेम का आयोजन नहीं था | जिस वजह से मैरीकॉम अपनी प्रतिभा नहीं दिखा सकी |
सन 2011 में चाइना में आयोजित एशियन वूमेन कप 48 kg weight कैटेगरी में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता | इसी साल लंदन में आयोजित ओलंपिक में मैरीकॉम को बहुत सम्मान मिला | वह पहली महिला बॉक्सर थी जो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुई थी यहां मैरी कॉम को 51 kg weight कैटेगरी में ब्रोंज मेडल मिला | इसके साथ ही मैरीकॉम तीसरी भारतीय महिला थी जिन्हें ओलंपिक में मेडल मिला |
सन 2014 में साउथ कोरिया में आयोजित एशियन गेम्स में वूमेन फ्लाईवेट (48-52 kg) कैटेगरी में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता और इतिहास रच दिया |
Note: - Mary kom Biography in hindi कैसी लगी आप सबको प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं और हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल में आपको कोई भी कमी नजर आती है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम उसमें सुधार करके अपडेट कर देंगे | अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आए तो इसे Facebook, WhatsApp और अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें !
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Mary kom biography in hindi |
Mary kom biography in hindi | मैरी कॉम का जीवन परिचय
मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को कन्गथेइ मणिपुर भारत में हुआ था | मैरी कॉम का पूरा नाम मांगते चुंगनेजंग मैरी कॉम है | मैरी कॉम के पिता का नाम mangte tonpa kom है | इनकी की माता का नाम mangte akham kom है | इनके पिता एक गरीब किसान थे | मैरी कॉम अपने चार बहन भाइयों में सबसे बड़ी थी | मैरी कॉम बचपन से ही बहुत मेहनती रही हैं | अपने माता पिता की मदद के लिए वह उनके साथ काम किया करती थी | साथ ही वह अपने बहन भाइयों की देखभाल भी किया करती थी | मैरी कॉम ने इन सब के बाद भी पढ़ाई की और अपनी पढ़ाई की शुरुआत लोकटक क्रिश्चियन मॉडल हाई स्कूल से की जहां वह छठी कक्षा तक पढ़ी | इसके बाद वह संत जेवियर कैथोलिक स्कूल चली गई | जहां से इन्होंने कक्षा 8 तक की पढ़ाई की | आगे की पढ़ाई नवी और दसवीं करने के लिए आदिमजाति हाई स्कूल चली गई | लेकिन वह परीक्षा में पास नहीं हो पाई और बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी | और आगे उन्होंने NIOS की परीक्षा दी | इसके बाद उन्होंने अपना ग्रेजुएशन चुराचंदपुर कॉलेज इम्फाल (मणिपुर की राजधानी) से किया |मैरी कॉम को बचपन से ही एथलीट बनने का शौक रहा है | बचपन के दिनों में वह फुटबॉल जैसे खेलों में हिस्सा लिया करती थी | लेकिन सोचने की बात यह है कि उन्होंने बॉक्सिंग में कभी भी हिस्सा नहीं लिया था | सन 1998 में बॉक्सर डिंगो सिंह ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था वह मणिपुर के थे | उनकी इस जीत से उनकी मातृभूमि झूम उठी थी | यहां मैरीकॉम ने डिंगो को बॉक्सिंग करते हुए देखा और बॉक्सिंग को अपना करियर बनाने की ठान ली | इसके लिए मैरीकॉम के सामने सबसे पहली बड़ी चुनौती थी अपने घर वालों को इसके लिए राजी करना | छोटी सी जगह के साधारण से यह लोग बॉक्सिंग को पुरुषों का खेल समझते थे | और उन्हें लगता था कि इस तरह के खेल में बहुत ताकत और मेहनत लगती है जो इस कम उम्र की लड़की के लिए ठीक नहीं है | मैरी कॉम अपने मन में ठान चुकी थी कि वह इस लक्ष्य तक जरूर पहुंचेंगी चाहे उन्हें इसके लिए कुछ भी करना पड़े | मैरी कॉम ने अपने मां बाप को बिना बताए बॉक्सिंग के लिए ट्रेनिंग शुरू कर दी | एक बार इन्होंने "खुमान लंपक स्पोर्ट्स कंपलेक्स" मे लड़कियों को लड़कों से बॉक्सिंग करते देखा जिसे देख कर वह चकित रह गई | यहां से उनके मन में अपने सपने को लेकर विचार और भी परिपक्व हो गए | वे अपने गांव से इम्फाल गई और मणिपुर राज्य के बॉक्सिंग कोच एम नरजीत सिंह से मिली और उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए निवेदन किया | वह बॉक्सिंग के लिए बहुत ज्यादा भावुक थी साथ ही वह बहुत ही जल्दी सीखने वाली विद्यार्थी थी | ट्रेनिंग में जब सब चले जाते थे तब भी मैरीकॉम देर रात तक प्रैक्टिस करती रहती थी यह उनकी मेहनत और लगन को दर्शाता है कि वह कितनी ज्यादा इस खेल के प्रति संजीदा थी |
Mary kom career | मैरी कॉम का करियर
मैरी कॉम ने अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत 18 साल की छोटी उम्र से ही कर दी थी | मैरी कॉम समस्त भारत के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है | इनका जीवन कई उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा है | इन्होंने बॉक्सिंग में करियर बनाने के लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत करी और बॉक्सिंग के लिए यह अपने परिवार तक से लड़ बैठी थी | बॉक्सिंग शुरू करने के बाद मैरी कॉम को पता था कि उनका परिवार उनके बॉक्सिंग में करियर बनाने के विचार को कभी नहीं मानेगा जिस वजह से उन्होंने इस बात को अपने परिवार से छुपा कर रखा | सन 1998 से 2000 तक वह बिना बताए अपने परिवार को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेती रही | सन 2000 में जब मैरीकॉम ने वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप मणिपुर में जीत हासिल करी और उन्हें बॉक्सर का अवार्ड मिला तो वहां के हर एक समाचार पत्र में उनकी जीत की बात छपी तब उनके परिवार को उनके बॉक्सर होने का पता चला | इस जीत के बाद उनके घर वालों ने उनकी इस जीत को सेलिब्रेट किया | इसके बाद मैरीकॉम ने पश्चिम बंगाल में आयोजित वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और अपने राज्य का नाम ऊंचा किया |सन 2001 में मैरीकॉम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना करियर की शुरुआत करी | इस समय उनकी उम्र 18 साल मात्र थी | सबसे पहले इन्होंने अमेरिका में आयोजित AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 48 kg weight कैटेगरी में हिस्सा लिया और सिल्वर मेडल हासिल किया |
सन 2002 में तुर्की में आयोजित AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 45 kg weight कैटेगरी में हिस्सा लिया और विजय प्राप्त की और हीरो ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया | इस साल मैरीकॉम ने हंगरी में आयोजित "व्हिच कप" 45 kg weight कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया |
सन 2003 में भारत में आयोजित एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 46 kg weight कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता इसके बाद नॉर्वे में आयोजित वूमेन बॉक्सिंग "वर्ल्ड कप" में एक बार फिर गोल्ड मेडल जीता |
सन 2005 में ताइवान में आयोजित एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 46 kg weight कैटेगरी में मैरी कॉम को फिर से गोल्ड मेडल मिला | इसी साल मैरीकॉम ने रशिया में AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती |
सन 2006 में डेनमार्क में आयोजित विनस वूमेन बॉक्स कप और भारत में आयोजित AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत हासिल कर गोल्ड मेडल जीता |
सन 2008 एक साल का ब्रेक लेकर मैरी कॉम 2008 में फिर वापस आई और भारत में आयोजित वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता इसके साथ ही AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियन चाइना में गोल्ड मेडल जीता
सन 2009 में वियतनाम में आयोजित एशियन इंदौर गेम्स में गोल्ड मेडल जीता |
सन 2010 में कजाखस्तान में आयोजित एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता इसके साथ ही वे पांचवीं बार लगातार AIBA वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता | इसी साल मैरी कॉम ने एशियन गेम्स में 51 kg weight कैटेगरी में हिस्सा लेकर ब्रोंज मेडल जीता | सन 2010 में भारत में कॉमनवेल्थ गेम का आयोजन हुआ था यहां ओपनिंग सेरिमनी में विजेंद्र सिंह के साथ मैरीकॉम भी उपस्थित थी इस गेम्स में वूमेन बॉक्सिंग गेम का आयोजन नहीं था | जिस वजह से मैरीकॉम अपनी प्रतिभा नहीं दिखा सकी |
सन 2011 में चाइना में आयोजित एशियन वूमेन कप 48 kg weight कैटेगरी में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता | इसी साल लंदन में आयोजित ओलंपिक में मैरीकॉम को बहुत सम्मान मिला | वह पहली महिला बॉक्सर थी जो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुई थी यहां मैरी कॉम को 51 kg weight कैटेगरी में ब्रोंज मेडल मिला | इसके साथ ही मैरीकॉम तीसरी भारतीय महिला थी जिन्हें ओलंपिक में मेडल मिला |
सन 2014 में साउथ कोरिया में आयोजित एशियन गेम्स में वूमेन फ्लाईवेट (48-52 kg) कैटेगरी में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता और इतिहास रच दिया |
Mary kom personal life | मैरी कॉम की पर्सनल लाइफ
मैरी कॉम की मुलाकात सन 2001 में ओन्लर से दिल्ली में हुई थी जब वह पंजाब में नेशनल गेम्स के लिए जा रही थी | उस समय ओन्लर दिल्ली यूनिवर्सिटी में law पढ़ रहे थे | दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए | और दोनों के बीच 4 साल तक दोस्ती का गहरा रिश्ता रहा | जिसके बाद सन् 2005 में दोनों ने शादी कर ली | और दोनों की तीन लड़के हैं जिसमें दो जुड़वा बेटों का जन्म सन 2007 में हुआ था और इन के तीसरे बेटे का जन्म सन 2013 में हुआ | मेरी कॉम की पर्सनल लाइफ काफी खुशहाल गुजर रही है |Mary kom awards and achievements | मैरी कॉम के पुरस्कार एवं उपलब्धियां
- सन 2003 में अर्जुन अवार्ड मिला
- सन 2006 में पद्मश्री अवार्ड मिला
- सन 2007 में खेल के सबसे बड़े सम्मान "राजीव गांधी खेल रत्न" के लिए नॉमिनेट किया गया
- सन 2007 में लिम्का बुक रिकॉर्ड द्वारा पीपल ऑफ द ईयर का सम्मान मिला
- सन 2008 में CNN-IBN एव रिलायंस इंडस्ट्री द्वारा रियल हॉर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया
- सन 2008 में पेप्सी MTV यूथ आइकन
- सन 2008 में AIBA द्वारा "मैग्नीफिसेंट मैरी" अवार्ड
- सन 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड
- सन 2010 में सहारा स्पोर्ट्स अवॉर्ड द्वारा स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया गया
- सन 2013 में देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया
Mary kom film | मैरी कॉम फिल्म
मैरी कॉम के जीवन पर आधारित फिल्म को Omung kumar ने बनाया था | जिसे 5 सितंबर 2014 में रिलीज किया गया था | फिल्म में मेरीकॉम का किरदार निभाने वाली भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की लोकप्रिय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा थी इस फिल्म में उनकी अदाकारी देखने लायक थी !Note: - Mary kom Biography in hindi कैसी लगी आप सबको प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं और हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल में आपको कोई भी कमी नजर आती है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम उसमें सुधार करके अपडेट कर देंगे | अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आए तो इसे Facebook, WhatsApp और अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें !
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