Deepak Chahar Biography in Hindi | दीपक चाहर का जीवन परिचय - MY THINKING

Deepak Chahar Biography in Hindi | दीपक चाहर का जीवन परिचय

Deepak Chahar- दीपक चाहर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का एक उभरता हुआ सितारा है अपनी बेहतरीन स्विंग गेंदबाज़ी से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाले दीपक चाहर राईट हैण्ड के मीडियम फ़ास्ट गेंदबाज़ हैं | गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की कलां इनकी अद्भुत है | बहुत ही कम समय में दीपक चाहर ने क्रिकेट की दुनिया में काफी नाम कमा लिया है | लेकिन क्या आपको पता है क्रिकेट में इतना नाम कमाने वाले दीपक को क्रिकेट में कोई ख़ास रूचि नही थी | दीपक चाहर को एक सफल क्रिकेट बनाने में इनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है तो चलिए आज दीपक चाहर के जीवन के बारे में पढ़ते हैं !
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Deepak Chahar Biography in Hindi 

Deepak Chahar Biography in Hindi | दीपक चाहर का जीवन परिचय


दीपक चाहर का पूरा नाम दीपक लोकेन्द्र सिंह चाहर है | दीपक चाहर का जन्म 7 अगस्त 1992 को उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था | वैसे दीपक चाहर स्थाई रूप से सूरतगढ़, गंगानगर, राजस्थान के रहने वाले हैं | दीपक चाहर के पिता का नाम लोकेन्द्र सिंह चाहर है और इनकी माता का नाम फ्लोरेंस है | और इनका एक चचेरा भाई राहुल चाहर भी है वह भी भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की तरफ से खेलता है और एक बेहतरीन लेग स्पिनर है | दीपक चाहर के पिता एक रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर हैं | दीपक चाहर को क्रिकेटर बनाने में इनके पिता लोकेन्द्र सिंह चाहर अहम् रोल है | जिन्होंने दीपक को क्रिकेटर बनाने में अपनी एयरफोर्स की नौकरी तक छोड़ दी थी | क्योंकि उनका मानना था कि नौकरी की वजह से दीपक का ध्यान बार बार बंट रहा था और वह अपने बेटे को क्रिकेट की ट्रेनिंग नही दे पा रहे थे और वह अपने बेटे को एक अच्छा उन्हें एक क्रिकेटर बनाना चाहते थे | दरअसल दीपक चाहर के पिता का खुद एक क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन वह किसी कारणवश क्रिकेटर न बन सकें | लेकिन अपने बेटे की प्रतिभा को देख उनको अपना ये सपना अपने बेटे के रूप में पूरा होता   दिख रहा था | इसलिए अक्टूबर 2006 में उन्होंने ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था | ताकि उनके बेटे के मन क्रिकेट में लग सकें | दीपक चाहर मूल रूप से सूरतगढ़, राजस्थान के निवासी हैं | दीपक चाहर के पिता सूरतगढ़ से 50 किलोमीटर दूर हनुमानगढ़ की क्रिकेट अकादमी में दीपक को क्रिकेट सीखने के लिए ले जाया करते थे ताकि वह क्रिकेट के गुण बारीकी से सीख सकें | वही पर दीपक चाहर ने नवेंदु त्यागी से क्रिकेट के गुण सीखे वह 50 किलोमीटर का यह सफ़र रोज़ अपने पिता के साथ बाइक पर तय किया करते थे |

Deepak Chahar Career | दीपक चाहर का करियर


दीपक चाहर ने अपने करियर की शुरुआत फर्स्ट क्लास क्रिकेट से राजस्थान की ओर से 2010-11 के रणजी टूर्नामेंट जयपुर में हैदराबाद के खिलाफ खेलते हुए की थी | नवम्बर 2010 को अपने पहले ही मैच में दीपक चाहर ने अपनी घातक गेंदबाज़ी से सबको आश्चर्यचकित कर दिया था | हैदराबाद के खिलाफ खेलते हुए 7.3 ओवर की गेंदबाज़ी में दीपक चाहर ने मात्र 10 रन देकर 8 विकेट हासिल किये थे | और हैदराबाद की पूरी टीम को महज़ 21 रन के छोटे से स्कोर पर समेट दिया था | रणजी ट्राफी के इतिहास में यह किसी भी टीम का सबसे कम स्कोर है और हैदराबाद की पूरी टीम 15.3 ओवर में ही ढेर हो गयी थी | अपने इस धमाकेदार प्रदर्शन की बदोलत 18 वर्षीय दीपक चाहर रातों रात सुर्ख़ियों में आ गये थे और अपनी इस गेंदबाज़ी से सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था | इनके इस बेहतरीन प्रदर्शन की बदोलत इन्हें इन्हें आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की टीम में चुन लिया गया | और फिर दीपक चाहर 2011 से 2015 राजस्थान रॉयल्स की टीम में रहे | इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की पुणे टीम में चले गये उस वक़्त धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स पर प्रतिबन्ध लगा हुआ था | तो वह पुणे की टीम की तरफ से खेले | इसके बाद 2018 में जब चेन्नई सुपर किंग्स के ऊपर से प्रतिबन्ध हटा तो इन्हें चेनई सुपर किंग्स ने 80 लाख रूपए में अपनी टीम में खरीद लिया | और इनकी प्रतिभा को महेंद्र सिंह धोनी ने पहचाना और इनके टैलेंट का बखूबी इस्तेमाल किया और आईपीएल 2019 के 12वे संस्करण में इन्होने चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए 17 मैचो में 22 विकेट अपने नाम किये और आज यह चेन्नई सुपर किंग्स के सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाज़ हैं |

Deepak Chahar One day Career | दीपक चाहर का एकदिवसीय करियर


दीपक चाहर ने अपने अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट करियर की शुरुआत 2018 के एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ खेल कर की थी | अपने ही मैच में दीपक कुछ ख़ास प्रदर्शन नही कर पाए थे | और 4 ओवर की गेंदबाज़ी में 37 रन देकर एक विकेट ही हासिल कर पाए थे | अफगानिस्तान ने इस मैच में 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 252 रन बनाए थे जवाब में उतरी भारतीय टीम भी 10 विकेट खोकर 252 रन ही बना पाई थे और मैच टाई हो गया था | जिसके बाद दीपक चाहर को काफी ज़्यादा आलोचनाओ का सामना करना पड़ा था | और दीपक चाहर अभी तक केवल एक एकदिवसीय मैच खेल पाए जिस तरह से वो T20 में प्रदर्शन कर रहें हो सकता है जल्दी उनका दुबारा एकदिवसीय टीम में खेलने का मौका मिले !

Deepak Chahar T20 Career | दीपक चाहर का टी-20 करियर


दीपक चाहर ने अपने अंतर्राष्ट्रीय टी-20 करियर की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला मैच खेलकर की थी | यह मैच 8 जुलाई 2018 खेला गया अपने इस पहले टी-20 मैच में भी दीपक कुछ ख़ास प्रदर्शन नही कर पाए थे | और 4 ओवर की गेंदबाज़ी में 43 रन देकर मात्र 1 विकेट ही हासिल कर पाए थे | और उनको अपना पहला विकेट जेसन रॉय के रूप में मिला था | इस मैच में इंग्लैंड ने 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 198 रन बनाए थे | इस स्कोर को पार कर मुश्किल लग रहा था मगर जवाब में उतरी भारतीय टीम ने रोहित शर्मा के शतक की बदोलत 18.4 ओवर में 3 विकेट खोकर ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिया था | दीपक चाहर ने अभी तक 7 टी-20 मैच खेले हैं जिसमे उन्होंने 14 विकेट अभी तक अपने नाम किये हैं | इनका सर्वश्रेष्ट टी-20 प्रदर्शन 6 विकेट पर 7 रन है जिसमे इनकी हैट्रिक भी शामिल है | यह अंतर्राष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज़ दुआरा सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन है | जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है | यह कारनामा इन्होने बांग्लादेश के खिलाफ किया है |

Deepak Chahar IPL Career | दीपक चाहर का आईपीएल करियर


दीपक चाहर ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2011 से राजस्थान रॉयल्स की टीम की तरफ से खेलते हुए की थी और तब से अभी तक आईपीएल खेल रहें हैं | शुरुआत में यह राजस्थान रॉयल्स की टीम में थे और 2011 से 2015 तक राजस्थान रॉयल्स की टीम में रहे | लेकिन राजस्थान रॉयल्स की टीम इन्हें ज़्यादा खेलने का मौका नही मिला वर्तमान समय में यह चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़े हुए हैं | दीपक चाहर ने अभी तक अपने आईपीएल करियर में 34 मैचो खेले हैं जिनकी 34 पारियों में 33 विकेट हासिल किये हैं | इनका सर्वश्रेष्ट आईपीएल गेंदबाज़ी प्रदर्शन 3 विकेट पर 15 रन है |

पिता का सपना किया पूरा


दीपक चाहर ने अपने पिता लोकेन्द्र सिंह चाहर के सपने को पूरा किया है | लोकेन्द्र सिंह चाहर दीपक को मिली सफलता के बाद एक इंटरव्यू के दौरान बताते हैं | दीपक चाहर को क्रिकेटर बनाने का सपना मैंने देखा था क्योंकि मैं  खुद एक क्रिकेटर बनना चाहता था लेकिन मेरे पिता जी को रेसलिंग पसंद थी | मैंने कुछ टाइम रेसलिंग भी की लेकिन मेरा मन रेसलिंग में नही लग पाया क्योंकि मुझे क्रिकेट में रूचि थी एक दिन मैंने दीपक गेंदबाज़ी करते देखा और उसकी गेंदबाज़ी को देखते हुए मुझे अपना सपना पूरा होता हुआ दिखा जो अधुरा रह गया था | उन्होंने कहा कि दीपक के साथ उसका भाई राहुल चाहर भी स्कूल जाया करता था | तब हम लोगो ने यह निर्णय लिया कि इन दोनों भाइयों को क्रिकेटर बनाना है | तब हमने इन दोनों भाइयों की टाइम टेबल सेट की कि किस टाइम इनको उठना है कितनी एक्सरसाइज करनी है कितना खाना और कब तक मैदान में प्रैक्टिस करनी है इन सबका शेड्यूल बनाया | दीपक चाहर के पिता आगे कहते हैं कि वक़्त के साथ सब कुछ बादल गया पहले मैं अपने बच्चो का शेड्यूल तय करता था अब वह खुद अपना शेड्यूल बनाते हैं | आज भी घर लौटने के बाद दोनों की प्रैक्टिस जारी रहती है | कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद आज दोनों भाइयों को सफलता मिल ही गयी और अपने पिता के सपने को पूरा कर दिया है और दोनों ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहें हैं ! दीपक के पिता कहते है कि कुछ बड़ा करने के लिए संघर्ष करना बहुत ज़रूरी है ऐसा बिलकुल नही है कि in दोनों को क्रिकेटर बनाने में मुझे पैसो की कमी नही हुई पर मेरे बच्चो के सपनों को पूरा करने के लिए मेरे परिवार ने मुझे बहुत सपोर्ट किया | हम चार भाई हैं हमारे अंकल है सबने अलग अलग तरीके से मदद की है !

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